मैरीलैंड के बाल्टीमोर शहर में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ, जब एक जहाज ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ से टकरा गया, जिसके कारण पुल ढह गया और 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 घायल हो गए।
जहाज पुल के एक खंभे से टकरा गया, जिससे ढांचा देखते ही देखते कुछ ही सैकंड में नदी में गिर गया। इस दौरान जहाज में आग लग गई और उसमें से काला धुआं निकलने लगा। घटना के समय पुल पर कई वाहन भी थे, जो नदी में गिर गए।
पुल ढहने से पहले, जहाज के चालक दल ने चेतावनी संदेश जारी किया, जिसकी वजह से अधिकारियों को पुल पर वाहनों की संख्या को सीमित करने में मदद मिली।
मैरीलैंड राज्य पुलिस के अधीक्षक कर्नल रोलैंड एल बटलर जूनियर ने बताया कि लापता लोगों की तलाश रोक दी गई है और गोताखोर बुधवार सुबह छह बजे मौके पर फिर आएंगे।
राज्य के परिवहन मंत्री पॉल विडेफेल्ड ने कहा कि जिन छह लोगों का अब भी पता नहीं चल पाया है, वे पुल पर गड्ढे भरने वाले निर्माण दल का हिस्सा थे। श्रमिकों को नियुक्त करने वाली कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नदी की गहराई और दुर्घटना के बाद की अवधि को देखते हुए लापता लोगों को मृत मान लिया गया है।
बचावकर्मियों ने नदी से दो लोगों को निकाला है जिनमें से एक का इलाज अस्पताल में किया गया और कुछ घंटों के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
बाल्टीमोर के मेयर ब्रैंडन स्कॉट ने इसे ”एक अकल्पनीय त्रासदी” कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आपने कभी नहीं सोचा होगा कि आप इस पुल को धराशायी होते हुए देखेंगे. यह किसी एक्शन फिल्म जैसा लग रहा था.’’
1. पुल का निरीक्षण और रखरखाव: पुलों को नियमित निरीक्षण और रखरखाव की आवश्यकता होती है ताकि उनकी संरचनात्मक अखंडता सुनिश्चित की जा सके। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ का नियमित निरीक्षण किया जाता था और क्या रखरखाव में कोई कमी थी। यदि पुल में जंग लगना, दरारें या क्षरण जैसे कोई कमजोर बिंदु पाए जाते हैं, तो यह दुर्घटना का एक संभावित कारण हो सकता है।
2. जहाज का संचालन और नेविगेशन: जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या जहाज अपने निर्धारित मार्ग का अनुसरण कर रहा था। क्या चालक दल ने उचित सावधानी बरती थी? क्या वे पुल के नीचे से गुजरने के लिए जरूरी ऊंचाई बनाए रखने में असफल रहे? नेविगेशन प्रणालियों में कोई खराबी या चालक दल की ओर से किसी प्रकार की गलती दुर्घटना का कारण हो सकती है।
3. संचार और चेतावनी प्रणाली: दुर्घटना से पहले जहाज के चालक दल द्वारा भेजे गए चेतावनी संदेश को इस घटना का एक महत्वपूर्ण पहलू माना जा रहा है। जांच में इस संदेश की सामग्री और इसे प्राप्त करने के बाद अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी। क्या संदेश स्पष्ट और समय पर था? क्या अधिकारियों ने पुल पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए तत्परता से कदम उठाए? संचार में किसी भी देरी या गलतफहमी से हताहतों की संख्या बढ़ सकती थी।
4. मौसम की स्थिति: दुर्घटना के समय मौसम की स्थिति की भी जांच की जाएगी। क्या तेज हवा चल रही थी या कोहरा था, जिससे जहाज के चालक दल को दृश्यता में परेशानी हुई हो? खराब मौसम जहाज के संचालन को प्रभावित कर सकता है और दुर्घटना का जोखिम बढ़ा सकता है।
5. जहाज की सुरक्षा मानक: जांच में जहाज की सुरक्षा मानकों के अनुपालन की भी समीक्षा की जाएगी। क्या जहाज आवश्यक सुरक्षा उपकरणों से लैस था? क्या रखरखाव में कोई कमी थी? जहाज की किसी भी तकनीकी खराबी को भी दुर्घटना के संभावित कारण के रूप में माना जाएगा।
दुर्घटना के बाद की कार्रवाई:
दुर्घटना के बाद, लापता लोगों की तलाश और घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करना प्राथमिकता होती है। जांच दल घटनास्थल का निरीक्षण करेगा, मलबे के नमूने एकत्र करेगा और जहाज के डेटा रिकॉर्डर की जांच करेगा। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है।
जांच के निष्कर्षों के आधार पर, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, इस घटना से भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलों के रखरखाव, जहाजों के संचालन और संचार प्रणालियों में सुधार के लिए सिफारिशें की जा सकती हैं।
यह दुर्घटना न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और जहाजों के संचालन के मानकों पर भी सवाल खड़ा करती है। उम्मीद है कि जांच से इस घटना के कारणों का पता चलेगा और भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सकेगा।