गुरुवार, 21 मार्च 2024 की सुबह महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नांदेड़, परभणी और हिंगोली जिलों में 4.5 तीव्रता के झटके लोगों को डर के मारे घरों से बाहर निकाल लाए। 1993 के बाद यह मराठवाड़ा में सबसे तेज भूकंप है।
सुबह 6:09 बजे आए भूकंप के कारण कई घरों की दीवारों में दरारें आ गईं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया। हालांकि, अभी तक किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र हिंगोली जिले का अखाड़ा बालापुर था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। 4 से 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप को हल्के भूकंप के तौर पर परिभाषित किया जाता है।
इससे पहले मार्च के पहले हफ्ते में भी मराठवाड़ा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
भूकंप कैसे आता है?
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं, एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं।
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल होता है। यह स्केल 1 से 9 तक होती है, जिसमें 1 कम तीव्रता की ऊर्जा को दर्शाता है और 9 सबसे ज्यादा तीव्रता की ऊर्जा को दर्शाता है।
भूकंप से बचाव के उपाय
- भूकंपरोधी घर बनाएं।
- घर में भारी वस्तुओं को ऊंची जगहों पर न रखें।
- भूकंप आने पर घबराएं नहीं, शांत रहें।
- भूकंप आने पर तुरंत घर से बाहर निकलकर खुले स्थान पर जाएं।
- भूकंप के दौरान टेबल, डेस्क या किसी मजबूत वस्तु के नीचे छिप जाएं।
- बिजली, गैस और पानी के मुख्य स्विच बंद कर दें।
- भूकंप के बाद घायलों की सहायता करें।
आपदा प्रबंधन विभाग से अपील
मराठवाड़ा में भूकंप के बाद लोगों में डर का माहौल है। आपदा प्रबंधन विभाग से अपील है कि वे लोगों को भूकंप से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें और उन्हें भूकंपरोधी घर बनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
भूकंप को सटीकता से भविष्यवाणी करना अभी भी एक चुनौती है। हालांकि, वैज्ञानिक भूकंप पूर्वानुमान के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहे हैं। भूकंप से पहले पशुओं के असामान्य व्यवहार, भूजल स्तर में बदलाव और वायुमंडल में विद्युत आवेशों में उतार-चढ़ाव जैसे संकेत देखे जा सकते हैं।
भूकंप की स्थिति में तत्काल सहायता के लिए आपातकालीन किट तैयार रखना महत्वपूर्ण है। इस किट में प्राथमिक चिकित्सा का सामान, गैर-ज perishable खाद्य पदार्थ, पानी, टॉर्च, रेडियो, बैटरी और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की कॉपियां शामिल होनी चाहिए।
भूकंप के बाद सावधानियां
भूकंप रुकने के बाद भी सावधानी बरतनी जरूरी है। इमारतों में दरारों की जांच करें और क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश करने से बचें। बिजली के तारों, गैस रिसाव और ढहने के खतरे का आकलन करें। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही सूचना प्राप्त करें। भूकंप के बाद मानसिक आघात होना आम है। ऐसे में मित्रों, परिवार और परामर्शदाताओं से सहायता लें।
भूकंप जागरूकता कार्यक्रम
भूकंप प्रभावी क्षेत्रों में स्कूलों और समुदायों में भूकंप जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। इन कार्यक्रमों में भूकंप से बचाव के उपाय, आपातकालीन योजनाएं और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। जागरूक समाज भूकंप जैसी आपदाओं का सामना करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार रहता है।
निष्कर्ष
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिससे बचाव करना मुश्किल है। लेकिन थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम जान-माल का नुकसान कम कर सकते हैं।