भारत और अफगानिस्तान: विश्व कप क्वालीफायर में जीत की उम्मीद

सउदी अरब: जैकसन सिंह और अनवर अली की वापसी से उत्साहित भारतीय फुटबॉल टीम बृहस्पतिवार को फीफा विश्व कप क्वालीफायर के मुकाबले में अफगानिस्तान का सामना करेगी। भारत की नजरें इस मैच में जीत हासिल कर तीसरे दौर में जगह बनाने पर टिकी होंगी।

मिडफील्ड में जैकसन और सेंटर बैक में अनवर चोट के कारण लंबे समय बाद वापसी कर रहे हैं। दूसरे दौर के प्रारंभिक संयुक्त क्वालीफिकेशन मैच में निचली रैंकिंग वाले प्रतिद्वंद्वी पर भारत का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है।

दो मैचों में एक जीत के तीन अंक के साथ भारत ग्रुप ए में फिलहाल दूसरे स्थान पर है। मौजूदा एशियाई चैम्पियन कतर दो जीत के साथ छह अंक लेकर शीर्ष पर है। वहीं दोनों मैच हार चुकी अफगानिस्तान टीम आखिरी स्थान पर है।

कुवैत के खिलाफ जीत दर्ज करके इगोर स्टिमक की भारतीय टीम ने पहली बार तीसरे दौर में जाने की उम्मीदें जगाई हैं। विश्व रैंकिंग में 158वें स्थान पर काबिज अफगानिस्तान को (घरेलू और बाहर मैच) हराने से 117वीं रैंकिंग वाली भारतीय टीम के नौ अंक हो जायेंगे। कतर की टीम कुवैत को अगले दो मैच में हरा देगी तो भारत के पास दूसरे स्थान पर पहुंचने का मौका होगा। भारत ने कुवैत को कुवैत सिटी में 1-0 से हराया था जबकि भुवनेश्वर में कुवैत ने 3-0 से जीत दर्ज की थी।

भारत और अफगानिस्तान के बीच 1949 में पहले मुकाबले के बाद से दोनों टीमें समय-समय पर खेलती रही हैं। विश्व कप क्वालीफायर, एशियाई कप क्वालीफायर और अन्य उपमहाद्वीपीय तथा आमंत्रण टूर्नामेंटों में उनका सामना हुआ है।

भारतीय आक्रमण की अगुवाई 39 वर्ष के सुनील छेत्री और मनवीर सिंह करेंगे। छेत्री ने अफगानिस्तान के खिलाफ आठ मैचों में चार गोल किए हैं। वहीं पिछले दो साल में जैकसन ने लगातार 17 मैच खेले हैं। उनकी कमी टीम को कतर में एशियाई कप के दौरान खली थी।

वहीं अफगानिस्तान के कई प्रमुख खिलाड़ी अफगानिस्तान फुटबॉल महासंघ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद से टूर्नामेंट से बाहर हैं। अफगानिस्तान के 18 खिलाड़ियों ने कुवैत और कतर के खिलाफ क्वालीफायर नहीं खेले थे।

भारतीय टीम की रणनीति:

  • आक्रामक शुरुआत: कोच इगोर स्टिमक आक्रामक शुरुआत की रणनीति अपना सकते हैं। जैकसन सिंह की वापसी से मिडफील्ड मजबूत होगा, जिससे गेंद पर अधिक नियंत्रण और तेजी से हमले करने में मदद मिलेगी।
  • सुनील छेत्री पर निर्भरता कम करना: हालांकि छेत्री अनुभवी स्ट्राइकर हैं, लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए टीम अन्य खिलाड़ियों को भी गोल करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मनवीर सिंह और इशान पंडिता जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका मिल सकता है।
  • मजबूत डिफेंस: अनुभवी संदेश झिंगन और अनवर अली की वापसी से डिफेंस मजबूत होगा। गुरप्रीत सिंह संधू गोलकीपर के रूप में भरोसेमंद हैं। टीम का लक्ष्य कम से कम गोल खाना और क्लीन शीट हासिल करना होगा।

अफगानिस्तान टीम की कमजोरियाँ:

  • खिलाड़ियों का मनोबल कम होना: कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के बाहर होने और फुटबॉल महासंघ पर भ्रष्टाचार के आरोपों से अफगान टीम का मनोबल कमजोर हो सकता है।
  • टीम में तालमेल की कमी: नए खिलाड़ियों के शामिल होने से टीम में तालमेल की कमी हो सकती है।
  • भारत के खिलाफ कमजोर रिकॉर्ड: अफगानिस्तान का भारत के खिलाफ रिकॉर्ड कमजोर रहा है। इससे भारतीय टीम का मनोबल बढ़ेगा।

इन रणनीतियों और कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि भारतीय टीम अफगानिस्तान को हराकर विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में जगह बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाएगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top